अनुक्रमणिका
क्र.सं | अनुभाग | विषय | समन्वय अधिकारी | द्वारा अद्यतन किया गया |
1 | राजभाषा | राजभाषा कार्यान्वयन समितियां | राजभाषा अधिकारी | वरिष्ठ अनुवादक | श्री प्रदीप शर्मा द्वारा दिनांक 05.01.2023 |
2 | हिन्दी पुस्तकालय |
3 | हिंदी टूल्स डाउनलोड |
4 | प्रशिक्षण कार्यक्रम |
5 | स्टेशन संचालन नियम |
6 | मैनुअल अनुवाद |
|
|
1. राजभाषा संगठन बीकानेर मंडल
2. यूनिकोड क्या
3. यूनिकोड सक्रिय कैसे करें
4. फोंट तथा उपयोगी सॉफ्टवेयर
यह सीधे इंटरनेटनेट / गूगल ड्राइव से लिंक क्लिक कर डाउनलोड कर सकते हैं।
यूनिकोड कृतिदेव यूनिकोड दो कन्वर्टर https://bit.ly/unikriti1 https://bit.ly/unikriti2 यूनिकोड रेमिंग्टन https://bit.ly/reminguni यूनिकोड कृतिदेव https://bit.ly/krutiuni यूनिकोड हिन्दी टाइपिंग ट्यूटर https://bit.ly/aasaanhindi
यह ftp पर rajbhasha bikaner पर रखे गए हैं जहां से डाउनलोड कर अपने कंप्यूटर में डाल लेवें यह क्रमशः कंप्यूटर पर यूनीकोड का प्रयोग विभिन्न कीबोर्ड से समर्थित करने, कंप्यूटर में यूनीकोड फोंट (सभी भाषाएं) व कृतिदेव में बनी फाइलों को यूनिकोड में बदलने के काम आते हैं।
कृतिदेव लेआउट पर आधारित यूनिकोड टूल जिसमें चिह्न दिए गए हैं
5. राजभाषा संबंधी प्रश्न-पुरस्कार
1.0 राजभाषा संगठन बीकानेर मंडल
उप मुख्य राजभाषा अधिकारी श्री सतीश सिंह चौहान, अपर मंडल रेल प्रबंधक बीकानेर
क्रम संख्या | पदनाम | स्वीकृत पद | कार्यरत | रिक्त |
1 | राजभाषा अधिकारी | 1 | 1 | - |
2 | वरिष्ठ अनुवादक | 2 | 2 | - |
3 | कनिष्ठ अनुवादक | 4 | 2 | 2 |
2.0 राजभाषा कार्यान्वयन समितियां
मंडल रेल प्रबंधक की अध्यक्षता में नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति यहां कार्यरत है जिसकी वर्ष में दो बैठकें होती हैं। बीकानेर मंडल पर मंडल राजभाषा कार्यान्वयन समिति तथा 10 स्टेशनों बीकानेर, सूरतगढ़, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, हिसार, सिरसा, भिवानी, सादुलपुर, चूरू एवं रतनगढ़ पर स्टेशन राजभाषा कार्यान्वयन समितियां कार्यरत हैं जिनकी बैठक प्रत्येक तिमाही में होती है।
नगर स्थित केंद्र सरकार के कार्यालयों, सरकारी उपक्रमों आदि की नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति का समन्वय कार्य भी मंडल राजभाषा विभाग द्वारा किया जाता है जिसके पदेन अध्यक्ष मंडल रेल प्रबंधक हैं। इसकी वर्ष में 2 बैठकों का आयोजन भी मंडल कार्यालय में किया जाता है।
3.0 हिंदी पुस्तकालय
बीकानेर मंडल तथा 10 स्टेशनों बीकानेर, लालगढ़, सूरतगढ़, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, हिसार, सिरसा, सादुलपुर, चूरू एवं रतनगढ़ पर अंशकालिक हिंदी पुस्तकालय तथा वाचनालय कार्यरत हैं। इन वाचनालयों में प्रति माह पत्र-पत्रिकाएं मंगाई जाती हैं तथा मंडल कार्यालय द्वारा वार्षिक रूप से पुस्तकों की खरीद सभी पुस्तकालयों के लिए की जाती है। इन पुस्तकों, पत्र-पत्रिकाओं का रेलकर्मी व उनके परिजन लाभ उठा रहे हैं। इन पुस्तकालयों व वाचनालयों पर पुस्तकों व पत्र-पत्रिकाओं को रखने व समय-समय पर रद्दी निपटान, राइट ऑफ व्यवस्था भी की जाती है।
मंडल कार्यालय का पुस्तकालय सबसे बड़ा है। यहां कुल 5013 पुस्तकें सूची बद्ध हैं तथा इन्हें लेखकानुसार, पुस्तकानुसार व क्रमवार साइट www.bikaner.rajbhasha.net पर भी रखा गया है। पुस्तकों को खोजने व प्राप्त करने की यह सरल व्यवस्था है। यहां पर वाचनालय व पुस्तकालय का लाभ सभी अधिकारीगण, कर्मचारीगण व उनके परिजन प्राप्त कर रहे हैं।
4.0 मंडल पर विभिन्न विभागों से प्राप्त दस्तावेजों का अनुवाद समय पर सम्पन्न किया गया और इसे संबंधित विभाग को उपलब्ध कराया गया।
5.0 हिंदी कार्यशालाएं
मंडल पर कम्प्यूटर पर हिंदी का प्रयोग बढ़ाने के लिए समय-समय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया गया जिसमें यूनीकोड में कार्य किया जाना शामिल है। कम्प्यूटर पर हिंदी का व्यवहारिक प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया गया जिससे विभिन्न शाखाओं के अधिकारी/ कर्मचारी लाभान्वित हुए। इसके अलावा हिंदी संबंधी अन्य विषयों पर भी कार्यशालाओं का नियमित रूप से आयोजन किया जा रहा है।
6.0 स्टेशन संचालन नियम
बीकानेर मंडल पर 132 स्टेशन हैं तथा सभी स्टेशन संचालन नियम डिग्लॉट रूप में स्टेशनों पर उपलब्ध हैं।
7.0 'संवाद' पत्रिका का प्रकाशन
मंडल पर नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति के तत्वावधान में एक वार्षिक हिंदी पत्रिका "संवाद" का प्रकाशन 29 दिसम्बर 08 से आरंभ किया गया। इस पत्रिका द्वारा राजभाषा के प्रचार-प्रसार में मदद मिली है। नगर राजभाषा समिति सदस्यों के सहयोग से प्रकाशित इस पत्रिका के प्रकाशन में मंडल रेल कार्यालय की प्रमुख भूमिका रही तथा मंडल रेल प्रबंधक महोदय, जो इस समिति के अध्यक्ष भी हैं, का संपूर्ण सक्रिय दिशा-निर्देशन मिलने से यह कार्य सफलता पूर्वक संपन्न हुआ। कोरोना के कारण अभी प्रकाशन बाधित हुआ है।
8.0 राजभाषा वेबसाइट
राजभाषा से संबंधित विविध सामग्री यथा वार्षिक कार्यक्रम, शब्दकोश, नगर राजभाषा बैठक, राजभाषा नियम 1976 व अधिनियम 1963, प्रोत्साहन योजनाएं, राजभाषा संबंधी प्रश्नोत्तर, कार्यालयों पर की जाने वाली गतिविधियां, मित्रों से संपर्क व हमसे संपर्क करें आदि की वेबसाइट www.rajbhasha.net जो नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति द्वारा तैयार की गई है। इसे पूर्ण रुप से हिंदी में विभागीय स्तर पर बनाया गया है।
यह साइट हिंदी के विभिन्न टूल्स पूरे वर्ड वाइड वैब पर प्रदान कर रही है। पुराने कृतिदेव हिंदी फोंट्स को वर्तमान यूनीकोड प्रणाली में तैयार करने का ऑनलाइन व ऑफलाइन टूल मुफ्त डाउनलोड के लिये साइट पर लगाया गया है। इससे कृतिदेव में टंकित हजारों पेज यूनीकोड में परिवर्तित किये जा चुके हैं तथा इस छोटी सी एप्लीकेशन के हजारों डाउनलोड साइट से हो चुके हैं। इसके साथ-साथ हिंदी में विंडोज को द्विभाषी बनाने से संबंधित फाइलें तथा सुंदर आकृति के ओपन टाइप फोंट्स भी यहां डाउनलोड के लिये रखे गए हैं। रुपए का चिह्न भी इन फोंट्स में लगा दिया गया है। यह साइट लाइनक्स सर्वर, जो सीपैनल युक्त है, पर पीएचपी व माईस्क्वयल प्रयोग से सुसज्जित है तथा यहां 24 घंटे मेल सर्वर सक्रिय रहता है। विख्यात साइट Google के साथ संबंधित होने से अभी 2000 जीबी की मेल स्पेस तथा Google application for Domain की सभी सेवाएं यथा ईमेल, डॉक, पेज, साइट, मैसेंजर तथा अन्य सेवाएं भी rajbhasha.net के साथ जुड़ी हैं जिन्हें हिंदी में सहजता से इस्तेमाल किया जा रहा है। मंडल कार्यालय के हिंदी पुस्तकालय की पुस्तकों की सूची भी इस साइट पर उपलब्ध है जिससे उपयोगकर्ता तुरंत अपनी मनपसंद की पुस्तकें खोज लेते हैं।
9 .0 बीकानेर मंडल पर दिनांक 14.09.2022 से 28.09.2022 तक राजभाषा पखवाड़ा का आयोजन किया गया। इस अवधि में राजभाषा के प्रयोग के प्रति जागरूकता बढ़ाने एवं राजभाषा के प्रयोग-प्रसार के लिए अधिकारियों के लिए विविध राजभाषा प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।दिनांक 19.09.2022 को मंडल रेल प्रबंधक महोदय ने अपर मंडल रेल प्रबंधक व अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों की उपस्थिति में देवी सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर राजभाषा पखवाड़े का शुभारंभ किया।
दिनांक 19.09.2022 को हिंदी निबन्ध लेखन प्रतियोगिता आयोजित की गई। इसमें श्री विनय कुमार झा, ईसीआरसी / वाणिज्य शाखा, श्री रूपेश कुमार, मुख्य नियंत्रक/ बीकानेर, आनंद कुमार, मुख्य नियंत्रक/ बीकानेर एवं कृष्ण चंद, ट्रैक मेंटेनर ।। सी.सै. इंजी (पीवे), रायसिंहनगर ने क्रमश: प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं प्रेरणा पुरस्कार प्राप्त किया।
दिनांक 20.09.2022 को हिंदी टिप्पण एवं आलेखन प्रतियोगिता आयोजित की गई। इसमें श्री विनय कुमार झा, ईसीआरसी / वाणिज्य शाखा, श्री आनंद कुमार, मुख्य नियंत्रक/ बीकानेर, श्री विमल नांगल, कर्मचारी हित निरीक्षक, बीकानेर एवं श्री रूपेश कुमार, मुख्य नियंत्रक/ बीकानेर ने क्रमश: प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं प्रेरणा पुरस्कार प्राप्त किया।
दिनांक 21.09.2022 को हिंदी बाल कथा लेखन प्रतियोगिता आयोजित की गई। इसमें श्री आनंद कुमार, मुख्य नियंत्रक/ बीकानेर, श्री मनोज सिंह गुर्जर, सिगनल अनुरक्षक, सी.सै. इंजी, भटिंडा, श्री रूपेश कुमार, मुख्य नियंत्रक/ बीकानेर एवं श्री सुरेन्द्र सिंह, सामान्य सहायक, बीकानेर ने क्रमश: प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं प्रेरणा पुरस्कार प्राप्त किया।
दिनांक 22.09.2022 को हिंदी वर्तनी एवं व्याकरण शुद्धि आयोजित की गई। इसमें श्री विनय कुमार झा, ईसीआरसी / वाणिज्य शाखा, श्री आनंद कुमार, मुख्य नियंत्रक/ बीकानेर, श्री केदारनाथ पाण्डेय, मु. नर्सिंग अधीक्षक, लालगढ़, एवं श्री कृष्ण कुमार, सहायक लोको पायलट, हिसार ने क्रमश: प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं प्रेरणा पुरस्कार प्राप्त किया।
दिनांक 23.09.2022 को हिंदी वाक् प्रतियोगिता आयोजित की गई। इसमें श्री मो. शादाब, कर्मचारी हित निरीक्षक, बीकानेर, श्री विनय कुमार, ईआरसी, बीकानेर, श्री आनंद कुमार, मुख्य नियंत्रक, बीकानेर एवं सुश्री योगिता पाल, यातायात निरीक्षक, योजना, बीकानेर ने क्रमश: प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं प्रेरणा पुरस्कार प्राप्त किया।
दिनांक 29.09.2022 को मंडल राजभाषा कार्यान्वयन समिति, बीकानेर की बैठक में सभी विजेता कर्मचारियों को प्रशस्ति- पत्र व नकद पुरस्कार मंडल रेल प्रबंधक महोदय द्वारा वितरित किये गए।
10.0 पत्राचार में हिंदी का प्रयोग
| | लक्ष्य उपलब्धि (प्रतिशत) |
(क) | हिंदी में पत्राचार | 100 | 100 |
(ख) | मूल पत्राचार | 100 | 93 |
(ग) | धारा 3(3) | 100 | 99 |
10.1 रेलवे के आंतरिक कार्यों में हिंदी का प्रयोग
| मद | लक्ष्य % | उपलब्धि % |
(क) | फाइलों पर नोटिंग एवं ड्राफ्टिंग | 75 | 75 से अधिक |
(ख) | फाइलों एवं रजिस्टरों पर शीर्षक | 100 | 100 |
(ग) | क तथा ख क्षेत्रों के लिये पास (ड्यूटी पास व मानार्थ पास) | 100 | 100 |
11.0 कर्मचारियों के हिंदी प्रशिक्षण की स्थिति
मंडल के समस्त अधिकारी/कर्मचारी/आशुलिपिक प्रशिक्षित हैं।
12.0 कंप्यूटर पर हिंदी कार्य
(क) | कुल कंप्यूटर | 470 |
(ख) | यूनिकोड (हिन्दी) सक्रिय कंप्यूटर | 470 |
(ग) | केवल अंग्रेजी में कंप्यूटर | -- |
(घ) | यूनीकोड हिंदी में कंप्यूटर कार्य का प्रतिशत | 95 * |
* ई ऑफिस का कार्य भी हिन्दी यूनीकोड में अधिकांशतः हो रहा है।
----
यूनिकोड क्या
कंप्यूटर पर हिंदी के संबंध में इन दिनों जब भी चर्चा होती है यूनिकोड का नाम लिया जाता है। यूनीकोड के विषय में थोड़ा सा जान लें और इसे कैसे सक्रिय किया जाता है समझ लें तो हिंदी में कार्य आसान हो सकता है। पहली बात कि यूनीकोड अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कोडिंग की ऐसी व्यवस्था है जहां विश्व की समस्त भाषाओं की वर्णमाला व संकेत अक्षरों को एक विशिष्ट कोड अंक दिया गया है। उस विशिष्ट चिह्न के लिए कोई भी फोंट का प्रयोग किया जाए उसका मूल स्वरूप बना रहता है हां फोंट अनुसार आकृति रूप थोड़ा बहुत बदल जाता है। हिंदी भाषा की लिपि देवनागरी है जो अन्य अनेक भाषाओं की लिपि भी है। इस लिपि के अक्षरों को भी यूनीकोडिंग व्यवस्था में शामिल किया गया है तथा इसके लिए ऑपरेटिंग सिस्टम में 1 या 2 फोंट अवश्य रखे जाते हैं जिससे किसी भी एप्लीकेशन या ब्राउजर में हिंदी दिखाई दे सके। प्रयोक्ता अपनी पसंद से चाहे तो अन्य सुंदर आकृति के फोंट्स सिस्टम में डालकर उनका प्रयोग कर सकता है। विंडोज, मैक व लाइनक्स तीनों प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्टम में यह सुविधा उपलब्ध है।
सामान्य तौर पर इन दिनों उपलब्ध कंप्यूटरों में विंडो एक्स पी व विंडोज 7 ऑपरेटिंग सिस्टम रहता है। जिस समय एक्स पी ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर पर इंस्टाल किया जा रहा हो तो रीजनल एंड लैंग्वेज विकल्प के समय कस्टमाइज को क्लिक कर लैंग्वेज मेनू पर जाकर इंस्टाल फाइल्स फॉर कंप्लेक्स स्क्रिप्ट के विकल्प को टिक कर चयनित करें इससे हिंदी व अन्य भाषाएं में से किसी को दूसरी भाषा बना सकते हैं। उसी स्थान पर डिटेल्स को क्लिक कर अंग्रेजी के अलावा अन्य भाषा को जोड़ने (एड करने का) विकल्प रहता है जिसके माध्यम से हिंदी जोड़ी जा सकती है व कंट्रोल+शिफ्ट या कंट्रोल+अल्ट से भाषा के चयन की सुविधा मिल जाती है। इस प्रकार अंग्रेजी पहली व हिंदी दूसरी भाषा का कार्य करती है। एक्स पी में हिंदी का डिफॉल्ट फोंट मंगल होता है। विंडोज 7 में हिंदी को सक्रिय करने के लिए सीधा कंट्रोल पैनल में जाकर रीजनल व लैंग्वेज विकल्प में भाषा को जोड़ने का चयन कर सीधे हिंदी जोड़ी जा सकती है।
इस प्रकार एक्स पी व विंडोज 7 में जो हिंदी दूसरी भाषा के रूप में जुड़ जाती है उसका टंकण भारत सरकार द्वारा मान्य टंकण विधि इनस्क्रिप्ट पर होता है। इनस्क्रिप्ट का कीबोर्ड लेआउट इस प्रकार बनाया गया है कि सभी स्वर आपके बाएं हाथ पर तथा व्यंजन दाएं हाथ पर होते हैं ज्ञ त्र क्ष श्र ऋ ऑ को 1,2 ,3 की ऊपरी पंक्ति पर अतिरिक्त सुविधा के लिए रखा जाता है व संख्याएं 1, 2 पर ही रखी जाती हैं। यहां पर एक समस्या सामने आती है कि जो हिंदी टंकक टाइप मशीन पर हिंदी टंकण सीख चुके हैं उनके लिए यह नया कीबोर्ड लेआउट सीखना मानसिक रूप से बाधाकारी होता है और निपुणता पाने में भी समय अधिक लग जाता है। ऐसे लोगों के तथा हिंदी टंकण न जानने वालों के लिए हिंदी का आई एम ई काम आता है जिसमें विभिन्न प्रकार के पुराने टाइपराइटरों के कीबोर्ड ले आउट तथा ए से अ, बी से ब जैसे कुल 8 कीबोर्ड ले आउट में से कोई भी विकल्प चुनने का अवसर मिलता है ताकि अपनी सुविधा से टंकण किया जा सके। गूगल ने भी हिंदी का ए से अ, बी से ब जैसा आई एम ई बनाया है जो सरल कामचलाऊ हिंदी टंकण के लिए उपयोगी है। इस प्रकार के आई एम ई विंडोज 7 पर भी काम में लिए जा सकते हैं। गूगल के आई एम ई में यदि कोई अन्य की बोर्ड ले आउट आप स्वयं की सुविधा से बनाना चाहें तो सरलता से बना कर उसका प्रयोग भी कर सकते हैं। हिंदी यूनीकोड व वांछित की बोर्ड को इंस्टाल व सक्रिय कंट्रोल पैनल के रीजनल व लैंग्वेज विकल्प में जाकर किया जाता है जिसकी विधि पहले ही बता दी गई है।
इसके बाद ‘की सैटिंग’ करनी चाहिए जिससे हिंदी और अंग्रेजी के बीच स्विचिंग की जा सकती है। डिटेल्स विकल्प के बाद ‘की सैटिंग’ फिर चेंज की सिक्वेंस पर जाकर पहले विकल्प में कंट्रोल+शिफ्ट या कंट्रोल+अल्ट में से एक का चयन कर लें।
इस प्रकार अब हिंदी में जो भी कार्य करेंगे वह वास्तव में हिंदी का होगा तथा न ही फोंट बदलने पर उस पर कोई प्रभाव पड़ेगा। वैब से लेकर ओपन ऑफिस, स्प्रेडशीट, डाटाबेस, प्रेजेंटेशन, मेल, टैक्स डाकुमेंट, ड्रॉइंग कहीं भी हिंदी का धड़ल्ले से प्रयोग करें। जी हां शब्दकोश तथा अनुक्रम की भी सभी सुविधाएं इस प्रकार की हिंदी पर मिलती हैं तो आप भी अपनाएं यूनीकोड की हिंदी ।
क्रमानुसार यूनिकोड कैसे सक्रिय करें

राजभाषा संबंधी प्रश्न-पुरस्कार
संघ की राजभाषा नीति
राजभाषा के प्रयोग प्रसार के संबंध में भारत के संविधान में अलग-अलग उपबंध है:-
अनुच्छेद 343(1)में यह व्यवस्था है कि संघ की राजभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी। संघ के प्रयोजनों के लिए प्रयोग होने वाले अंकों का रूप भारतीय अंकों का अंतर्राष्ट्रीय रूप होगा।
अनुच्छेद 343(2)में यह व्यवस्था है कि संविधान लागू होने के समय से 15वर्ष की अवधि अर्थात 1965तक उन शासकीय प्रयोजनों के लिए अंग्रेजी का प्रयोग किया जाता रहेगा जिनके लिए संविधान लागू होने से पहले किया जा रहा था।
परन्तु राष्ट्रपति इस अवधि में भी अर्थात 1965से पहले भी आदेश निकाल कर किसी काम के लिए अंग्रेजी के अलावा हिन्दी का प्रयोग प्राधिकृत कर सकेंगे। (राष्ट्रपति के आदेश 1952, 1955एवं 1960में जारी किये)
अनुच्छेद 344 (1)में यह व्यवस्था है कि संविधान के प्रारंभ से 5वर्ष की समाप्ति पर और तत्पश्चात् ऐसे प्रारंभ से 10वर्ष की समाप्ति पर राष्ट्रपति द्वारा एक आयोग की नियुक्ति की जाएगी जो अन्य बातों के साथ-साथ संघ के शासकीय प्रयोजनों के लिए हिन्दी भाषा के अधिकाधिक प्रयोग तथा सभी या किन्हीं शासकीय प्रयोजनों के लिए अंग्रेजी के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाने के बारे में सिफारिश करेगा। (आयोग की स्थापना 1955में हुई और रिपोर्ट 1956में प्राप्त हुई। इस पर 1956में संसदीय समिति गठित की गई)।
अनुच्छेद 344 (4)में यह व्यवस्था है कि एक संसदीय समिति का गठन किया जाएगा जिसमें लोकसभा के 20और राज्यसभा के 10सदस्य होंगे। यह समिति संघ के शासकीय प्रयोजनों के लिए हिन्दी के प्रयोग की प्रगति की जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को देगी। ( 1956में संसदीय समिति गठित हुई और अब तक चल रही है ) ।
अनुच्छेद 345में यह व्यवस्था है कि राज्य का विधान मंडल राज्य में प्रयोग होने वाली भाषाओं में से किसी एक या अधिक भाषाओं को या हिन्दी को अपने सभी या किन्हीं शासकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग की जाने वाली भाषा के रूप में अंगीकार कर सकेगा।
अनुच्छेद 348 (1) में यह व्यवस्था है कि जब तक संसद विधि द्वारा अन्यथा उपबंध न करे तब तक उच्चतम न्यायालय और प्रत्येक उच्च न्यायालय में की गई कार्यवाही अंग्रेजी भाषा में होगी किन्तु इस अनुच्छेद के खंड (2) में यह व्यवस्था है कि राज्य का राज्यपाल राष्ट्रपति की पूर्व सहमति से अपने राज्य में स्थित उच्च न्यायालय में हिन्दी भाषा का प्रयोग प्राधिकृत कर सकता है।
अनुच्छेद 351में यह व्यवस्था है कि संघ का कर्तव्य होगा कि वह हिन्दी भाषा का प्रसार बढ़ाए, उसका विकास करे, उसकी समृद्धि सुनिश्चित करें। गृह मंत्रालय इसके लिए प्रति वर्ष वार्षिक कार्यक्रम तैयार करता है जिसमें विभिन्न मदों में हिन्दी प्रयोग के लक्ष्य निर्धारित किए जाते हैं।
1968में संसद द्वारा एक संकल्प पारित किया गया जिसके अनुसार हिन्दी के उत्तरोतर प्रयोग हेतु एक अधिक गहन और व्यापक कार्यक्रम तैयार किया जाता है और प्रगति की विस्तृत वार्षिक मूल्यांकन रिपोर्ट संसद के पटल पर रखी जाती है।
अनुच्छेद 120 (1) के अनुसार संसद में कार्य हिन्दी में या अंग्रेजी में किया जाएगा परन्तु यथास्थिति राज्यसभा का सभापति या लोकसभा का अध्यक्ष किसी सदस्य को जो हिन्दी या अंग्रेजी में अपनी पर्याप्त अभिव्यक्ति नहीं कर सकता, अपनी मातृभाषा में बोलने की अनुमति दे सकेगा। 120 (7) में राज्य के विधान मंडल में कार्य राज्य की राजभाषा या भाषाओं में या हिन्दी में या अंग्रेजी में किया जायेगा।
राजभाषा आयोग और संसदीय समिति की सिफ़ारिशों पर अमल करने की दृष्टि से 1963में राजभाषा अधिनियम बनाया गया जिसमें 1967में संशोधन किया गया। संशोधित राजभाषा अधिनियम के मुख्य उपबंध इस प्रकार हैं-
राजभाषा अधिनियम की धारा 3 (3) के अनुसार उन सभी प्रयोजनों के लिए, जिनके लिए 26जनवरी, 1965से पूर्व अंग्रेजी इस्तेमाल की जा रही थी, 26जनवरी, 1965के बाद भी हिंदी के अतिरिक्त अंग्रेजी का प्रयोग जारी रखा जाएगा।
केंद्रीय सरकार और हिंदी को राजभाषा के रूप में न अपनाने वाले राज्यों के साथ पत्र व्यवहार अंग्रेजी में होगा, बशर्ते कि उस राज्य ने इसके लिए हिंदी के प्रयोग को स्वीकार न किया हो। इसी प्रकार हिंदी भाषी सरकारें भी उपर्युक्त राज्य सरकार के साथ अंग्रेजी में पत्र व्यवहार करेगी और यदि वे ऐसे राज्यों को पत्र हिंदी में भेजे तो उसके साथ अंग्रेजी अनुवाद भी भेजा जाएगा।
केंद्रीय सरकारी कार्यालयों आदि के बीच पत्र व्यवहार के लिए हिंदी अथवा अंग्रेजी का प्रयोग किया जा सकता है लेकिन जब तक संबंधित कार्यालयों के कर्मचारी हिंदी का कार्यसाधक ज्ञान प्राप्त नहीं करते तब तक पत्र का दूसरी भाषा में अनुवाद उपलब्ध कराया जाता रहेगा।
राजभाषा अधिनियम की धारा 3(3)के अनुसार निम्नलिखित के लिए हिंदी और अंग्रेजी दोनों का ही प्रयोग अनिवार्य है -
1. संकल्प
2. सामान्य आदेश
3. नियम
4. अधिसूचनाएं
5. प्रशासनिक और अन्य रिपोर्ट या प्रेस विज्ञप्तियां
6. संसद के किसी सदन या सदनों के समक्ष रखी गई अन्य रिपोर्ट और अन्य सरकारी कागज-पत्र
7. करार
8. लाइसेंस
9. परमिट
10. निविदा सूचना और इनके प्रारूप तथा आरक्षण चार्ट।
अधिनियम की धारा 3(4) के अनुसार इस अधिनियम के अधिनियम बनाते समय- समय यह सुनिश्चित करना होगा कि हिंदी या अंग्रेजी दोनों भाषाओं में से किसी एक भाषा में प्रवीण कर्मचारी प्रभावी रूप से अपना काम कर सकें और केवल इस आधार पर कि वे दोनों भाषाओं में प्रवीण नहीं हैं, उनका अहित न हो।
संशोधित अधिनियम में यह भी व्यवस्था है कि अंग्रेजी का प्रयोग जारी रखने के बारे में यह व्यवस्था तब तक चलती रहेगी जब तक कि इसे समाप्त करने के लिए हिंदी के राजभाषा के रूप में न मानने वाले राज्यों के विधान मंडल संकल्प पास न करें और उसके बाद ऐसा कार्य करने के लिए संसद संकल्प पास न करें।
राजभाषा नियम की धारा 4में 26जनवरी 1976के बाद संसदीय राजभाषा समिति के गठन का प्रावधान है। इस समिति के 20सदस्य लोकसभा के और 10सदस्य राज्यसभा के होंगे। यह समिति संघ के प्रयोजनों के लिए हिंदी प्रयोग की प्रगति की जांच करेगी और रिपोर्ट राष्ट्रपति जी को प्रस्तुत करेगी।
राजभाषा संशोधन अधिनियम के फलस्वरूप सरकारी कर्मचारी अपने कामकाज में हिंदी या अंग्रेजी में से किसी भी भाषा का प्रयोग करने में स्वतंत्र है और हिंदी या अंग्रेजी भाषा में तैयार किए गए नोट या ड्राफ़्ट का दूसरी भाषा में अनुवाद उसे स्वयं नहीं देना पड़ता किन्तु कुछ प्रयोजनों के लिए हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं का प्रयोग अनिवार्य है। इस तरह सरकारी कामकाज में द्विभाषिक स्थिति काफी अर्से तक चलेगी। इस द्विभाषिक नीति के लिए यह जरूरी है कि हिंदी न जानने वाले केन्द्रीय सरकारी कर्मचारी हिंदी सीखें ताकि वे हिंदी में लिखे हुए नोट और मसौदे पढ़ और समझ सके।
राजभाषा (संघ के शासकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग)नियम, 1976
(यथा संशोधित, 1987, 2007 तथा 2011)
सा.का.नि. 1052 --राजभाषा अधिनियम, 1963 (1963 का 19)कीधारा 3 की उपधारा (4)के साथ पठितधारा 8 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, केन्द्रीय सरकार निम्नलिखित नियम बनाती है, अर्थातः-
1. संक्षिप्त नाम, विस्तार और प्रारम्भ--
(क) इन नियमों का संक्षिप्त नाम राजभाषा (संघ के शासकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग) नियम, 1976 है।
(ख) इनका विस्तार, तमिलनाडु राज्य के सिवाय सम्पूर्ण भारत पर है।
(ग) ये राजपत्र में प्रकाशन की तारीख को प्रवृत्त होंगे।
2. परिभाषाएँ-- इन नियमों में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न होः-
(क) 'अधिनियम' सेराजभाषा अधिनियम, 1963 (1963 का 19)अभिप्रेत है;
(ख) 'केन्द्रीय सरकार के कार्यालय' के अन्तर्गत निम्नलिखित भी है, अर्थातः-
(क) केन्द्रीय सरकार का कोई मंत्रालय, विभाग या कार्यालय;
(ख) केन्द्रीय सरकार द्वारा नियुक्त किसी आयोग, समिति या अधिकरण का कोई कार्यालय; और
(ग) केन्द्रीय सरकार के स्वामित्व में या नियंत्रण के अधीन किसी निगम या कम्पनी का कोई कार्यालय;
(ग) 'कर्मचारी' से केन्द्रीय सरकार के कार्यालय में नियोजित कोई व्यक्ति अभिप्रेत है;
(घ) 'अधिसूचित कार्यालय' से नियम 10 केउपनियम (4) के अधीन अधिसूचित कार्यालय, अभिप्रेत है;
(ङ) 'हिन्दी में प्रवीणता' से नियम 9 में वर्णित प्रवीणता अभिप्रेत है ;
(च) 'क्षेत्र क' से बिहार, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, उत्तराखंड राजस्थान और उत्तर प्रदेश राज्य तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र अभिप्रेत है;
(छ) 'क्षेत्र ख' से गुजरात, महाराष्ट्र और पंजाब राज्य तथा चंडीगढ़, दमण और दीव तथा दादरा और नगर हवेली संघ राज्य क्षेत्र अभिप्रेत हैं;
(ज) 'क्षेत्र ग' से खंड (च) और (छ) में निर्दिष्ट राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों से भिन्न राज्य तथा संघ राज्य क्षेत्र अभिप्रेत है;
(झ) 'हिन्दी का कार्यसाधक ज्ञान' से नियम 10 में वर्णित कार्यसाधक ज्ञान अभिप्रेत है ।
3. राज्यों आदि और केन्द्रीय सरकार के कार्यालयों से भिन्न कार्यालयों के साथ पत्रादि-
(1) केन्द्रीय सरकार के कार्यालय से क्षेत्र 'क' में किसी राज्य या संघ राज्य क्षेत्र को या ऐसे राज्य या संघ राज्य क्षेत्र में किसी कार्यालय (जो केन्द्रीय सरकार का कार्यालय न हो) या व्यक्ति को पत्रादि असाधारण दशाओं को छोड़कर हिन्दी में होंगे और यदि उनमें से किसी को कोई पत्रादि अंग्रेजी में भेजे जाते हैं तो उनके साथ उनका हिन्दी अनुवाद भी भेजा जाएगा।
(2) केन्द्रीय सरकार के कार्यालय से--
(क) क्षेत्र 'ख' में किसी राज्य या संघ राज्यक्षेत्र को या ऐसे राज्य या संघ राज्य क्षेत्र में किसी कार्यालय (जो केन्द्रीय सरकार का कार्यालय न हो) को पत्रादि सामान्यतया हिन्दी में होंगे और यदि इनमें से किसी को कोई पत्रादि अंग्रेजी में भेजे जाते हैं तो उनके साथ उनका हिन्दी अनुवाद भी भेजा जाएगा परन्तु यदि कोई ऐसा राज्य या संघ राज्य क्षेत्र यह चाहता है कि किसी विशिष्ट वर्ग या प्रवर्ग के पत्रादि या उसके किसी कार्यालय के लिए आशयित पत्रादि संबद्ध राज्य या संघ राज्यक्षेत्र की सरकार द्वारा विनिर्दिष्ट अवधि तक अंग्रेजी या हिन्दी में भेजे जाएं और उसके साथ दूसरी भाषा में उसका अनुवाद भी भेजा जाए तो ऐसे पत्रादि उसी रीति से भेजे जाएंगे ;
(ख) क्षेत्र 'ख' के किसी राज्य या संघ राज्य क्षेत्र में किसी व्यक्ति को पत्रादि हिन्दी या अंग्रेजी में भेजे जा सकते हैं।
(3) केन्द्रीय सरकार के कार्यालय से क्षेत्र 'ग' में किसी राज्य या संघ राज्यक्षेत्र को या ऐसे राज्य में किसी कार्यालय (जो केन्द्रीय सरकार का कार्यालय न हो)या व्यक्ति को पत्रादि अंग्रेजी में होंगे।
(4) उप नियम (1) और (2) में किसी बात के होते हुए भी, क्षेत्र 'ग' में केन्द्रीय सरकार के कार्यालय से क्षेत्र 'क'या'ख'में किसी राज्य या संघ राज्यक्षेत्र को या ऐसे राज्य में किसी कार्यालय (जो केन्द्रीय सरकार का कार्यालय न हो) या व्यक्ति को पत्रादि हिन्दी या अंग्रेजी में हो सकते हैं । परन्तु हिन्दी में पत्रादि ऐसे अनुपात में होंगे जो केन्द्रीय सरकार ऐसे कार्यालयों में हिन्दी का कार्यसाधक ज्ञान रखने वाले व्यक्तियों की संख्या,हिन्दी में पत्रादि भेजने की सुविधाओं और उससे आनुषंगिक बातों को ध्यान में रखते हुए समय-समय पर अवधारित करे।
4. केन्द्रीय सरकार के कार्यालयों के बीच पत्रादि-
(क) केन्द्रीय सरकार के किसी एक मंत्रालय या विभाग और किसी दूसरे मंत्रालय या विभाग के बीच पत्रादि हिन्दी या अंग्रेजी में हो सकते हैं;
(ख) केन्द्रीय सरकार के एक मंत्रालय या विभाग और क्षेत्र 'क' में स्थित संलग्न या अधीनस्थ कार्यालयों के बीच पत्रादि हिन्दी में होंगे और ऐसे अनुपात में होंगे जो केन्द्रीय सरकार, ऐसे कार्यालयों में हिन्दी का कार्यसाधक ज्ञान रखने वाले व्यक्तियों की संख्या, हिन्दी में पत्रादि भेजने की सुविधाओं और उससे संबंधित आनुषंगिक बातों को ध्यान में रखते हुए, समय-समय पर अवधारित करे;
(ग) क्षेत्र 'क' में स्थित केन्द्रीय सरकार के ऐसे कार्यालयों के बीच, जो खण्ड (क) या खण्ड (ख) में विनिर्दिष्ट कार्यालयों से भिन्न हैं, पत्रादि हिन्दी में होंगे;
(घ) क्षेत्र 'क' में स्थित केन्द्रीय सरकार के कार्यालयों और क्षेत्र 'ख' या 'ग'में स्थित केन्द्रीय सरकार के कार्यालयों के बीच पत्रादि हिन्दी या अंग्रेजी में हो सकते हैं;
परन्तु ये पत्रादि हिन्दी में ऐसे अनुपात में होंगे जो केन्द्रीय सरकार ऐसे कार्यालयों में हिन्दी का कार्यसाधक ज्ञान रखने वाले व्यक्तियों की संख्या,हिन्दी में पत्रादि भेजने की सुविधाओं और उससे आनुषंगिक बातों को ध्यान में रखते हुए समय-समय पर अवधारित करे ;
(ङ) क्षेत्र 'ख' या 'ग' में स्थित केन्द्रीय सरकार के कार्यालयों के बीच पत्रादि हिन्दी या अंग्रेजी में हो सकते हैं;
परन्तु ये पत्रादि हिन्दी में ऐसे अनुपात में होंगे जो केन्द्रीय सरकार ऐसे कार्यालयों में हिन्दी का कार्यसाधक ज्ञान रखने वाले व्यक्तियों की संख्या,हिन्दी में पत्रादि भेजने की सुविधाओं और उससे आनुषंगिक बातों को ध्यान में रखते हुए समय-समय पर अवधारित करे ;
परन्तु जहां ऐसे पत्रादि--
(i) क्षेत्र 'क' या क्षेत्र 'ख' किसी कार्यालय को संबोधित हैं वहां यदि आवश्यक हो तो, उनका दूसरी भाषा में अनुवाद, पत्रादि प्राप्त करने के स्थान पर किया जाएगा;
(ii) क्षेत्र 'ग' में किसी कार्यालय को संबोधित है वहां, उनका दूसरी भाषा में अनुवाद, उनके साथ भेजा जाएगा;
परन्तु यह और कि यदि कोई पत्रादि किसी अधिसूचित कार्यालय को संबोधित है तो दूसरी भाषा में ऐसा अनुवाद उपलब्ध कराने की अपेक्षा नहीं की जाएगी ।
5. हिन्दी में प्राप्त पत्रादि के उत्तर--
नियम 3 और नियम 4 में किसी बात के होते हुए भी, हिन्दी में पत्रादि के उत्तर केन्द्रीय सरकार के कार्यालय से हिन्दी में दिए जाएंगे ।
6. हिन्दी और अंग्रेजी दोनों का प्रयोग-
अधिनियम की धारा 3 की उपधारा (3) में निर्दिष्ट सभी दस्तावेजों के लिए हिन्दी और अंग्रेजी दोनों का प्रयोग किया जाएगा और ऐसे दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने वाले व्यक्तियों का यह उत्तरदायित्व होगा कि वे यह सुनिश्चित कर लें कि ऐसी दस्तावेजें हिन्दी और अंग्रेजी दोनों ही में तैयार की जाती हैं, निष्पादित की जाती हैं और जारी की जाती हैं।
7. आवेदन, अभ्यावेदन आदि-
(1) कोई कर्मचारी आवेदन, अपील या अभ्यावेदन हिन्दी या अंग्रेजी में कर सकता है।
(2) जब उपनियम (1) में विनिर्दिष्ट कोई आवेदन, अपील या अभ्यावेदन हिन्दी में किया गया हो या उस पर हिन्दी में हस्ताक्षर किए गए हों, तब उसका उत्तर हिन्दी में दिया जाएगा।
(3) यदि कोई कर्मचारी यह चाहता है कि सेवा संबंधी विषयों (जिनके अन्तर्गत अनुशासनिक कार्यवाहियां भी हैं) से संबंधित कोई आदेश या सूचना,जिसका कर्मचारी पर तामील कियाजाना अपेक्षित है, यथास्थिति, हिन्दी या अंग्रेजी में होनी चाहिए तो वह उसे असम्यक् विलम्ब के बिना उसी भाषा में दी जाएगी।
8. केन्द्रीय सरकार के कार्यालयों में टिप्पणियों का लिखा जाना -
(1) कोई कर्मचारी किसी फाइल पर टिप्पण या कार्यवृत्त हिंदी या अंग्रेजी में लिख सकता है और उससे यह अपेक्षा नहीं की जाएगी कि वह उसका अनुवाद दूसरी भाषा में प्रस्तुत करे।
(2) केन्द्रीय सरकार का कोई भी कर्मचारी, जो हिन्दी का कार्यसाधक ज्ञान रखता है, हिन्दी में किसी दस्तावेज के अंग्रेजी अनुवाद की मांग तभी कर सकता है, जब वह दस्तावेज विधिक या तकनीकी प्रकृति का है, अन्यथा नहीं।
(3) यदि यह प्रश्न उठता है कि कोई विशिष्ट दस्तावेज विधिक या तकनीकी प्रकृति का है या नहीं तो विभाग या कार्यालय का प्रधान उसका विनिश्चय करेगा।
(4) उपनियम (1) में किसी बात के होते हुए भी, केन्द्रीय सरकार, आदेश द्वारा ऐसे अधिसूचित कार्यालयों को विनिर्दिष्ट कर सकती है जहां ऐसे कर्मचारियों द्वारा,जिन्हें हिन्दी में प्रवीणता प्राप्त है, टिप्पण, प्रारूपण और ऐसे अन्य शासकीय प्रयोजनों के लिए, जो आदेश में विनिर्दिष्ट किए जाएं, केवल हिन्दी का प्रयोग किया जाएगा ।
9. हिन्दी में प्रवीणता-
यदि किसी कर्मचारी ने-
(क) मैट्रिक परीक्षा या उसकी समतुल्य या उससे उच्चतर कोई परीक्षा हिन्दी के माध्यम से उत्तीर्ण कर ली है;या
(ख) स्नातक परीक्षा में अथवा स्नातक परीक्षा की समतुल्य या उससे उच्चतर किसी अन्य परीक्षा में हिन्दी को एक वैकल्पिक विषय के रूप में लिया हो; या
(ग) यदि वह इन नियमों से उपाबद्ध प्ररूप में यह घोषणा करता है कि उसे हिन्दी में प्रवीणता प्राप्त है;
तो उसके बारे में यह समझा जाएगा कि उसने हिन्दी में प्रवीणता प्राप्त कर ली है ।
10. हिन्दी का कार्यसाधक ज्ञान-
(1) (क) यदि किसी कर्मचारी ने-
(i) मैट्रिक परीक्षा या उसकी समतुल्य या उससे उच्चतर परीक्षा हिन्दीविषय के साथ उत्तीर्ण कर ली है; या
(ii) केन्द्रीय सरकार की हिन्दी परीक्षा योजना के अन्तर्गत आयोजित प्राज्ञपरीक्षा या यदि उस सरकार द्वारा किसी विशिष्ट प्रवर्ग के पदों के सम्बन्ध में उस योजना के अन्तर्गत कोई निम्नतर परीक्षा विनिर्दिष्ट है, वह परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है;या
(iii) केन्द्रीय सरकार द्वारा उस निमित्त विनिर्दिष्ट कोई अन्य परीक्षा उत्तीर्णकर ली है; या
(ख) यदि वह इन नियमों से उपाबद्ध प्ररूप में यह घोषणा करता है कि उसने ऐसा ज्ञान प्राप्त कर लिया है;
तो उसके बारे में यह समझा जाएगा कि उसने हिन्दी का कार्यसाधक ज्ञान प्राप्त कर लिया है।
(2) यदि केन्द्रीय सरकार के किसी कार्यालय में कार्य करने वाले कर्मचारियों में से अस्सी प्रतिशत ने हिन्दी का ऐसा ज्ञान प्राप्त कर लिया है तो उस कार्यालय के कर्मचारियों के बारे में सामान्यतया यहसमझा जाएगा कि उन्होंने हिन्दी का कार्यसाधक ज्ञान प्राप्त कर लिया है।
(3) केन्द्रीय सरकार या केन्द्रीय सरकार द्वारा इस निमित्त विनिर्दिष्ट कोई अधिकारी यह अवधारित कर सकता है कि केन्द्रीय सरकार के किसी कार्यालय के कर्मचारियों ने हिन्दी का कार्यसाधक ज्ञान प्राप्त कर लिया है या नहीं।
(4) केन्द्रीय सरकार के जिन कार्यालयों में कर्मचारियों ने हिन्दी का कार्यसाधक ज्ञान प्राप्त कर लिया है उन कार्यालयों के नाम राजपत्र में अधिसूचित किए जाएंगे;
परन्तु यदि केन्द्रीय सरकार की राय है कि किसी अधिसूचित कार्यालय में काम करने वाले और हिन्दी का कार्यसाधक ज्ञान रखने वाले कर्मचारियों का प्रतिशत किसी तारीख में से
उपनियम (2) में विनिर्दिष्ट प्रतिशत से कम हो गया है, तो वह राजपत्र में अधिसूचना द्वारा घोषित कर सकती है कि उक्त कार्यालय उस तारीख से अधिसूचित कार्यालय नहीं रह जाएगा ।
11. मैनुअल, संहिताएं, प्रक्रिया संबंधी अन्य साहित्य, लेखन सामग्री आदि-
(1) केन्द्रीय सरकार के कार्यालयों से संबंधित सभी मैनुअल, संहिताएं और प्रक्रिया संबंधी अन्य साहित्य, हिन्दी और अंग्रेजी में द्विभाषिक रूप में यथास्थिति, मुद्रित या साइक्लोस्टाइल किया जाएगा और प्रकाशित किया जाएगा।
(2) केन्द्रीय सरकार के किसी कार्यालय में प्रयोग किए जाने वाले रजिस्टरों के प्ररूप और शीर्षक हिन्दी और अंग्रेजी में होंगे।
(3) केन्द्रीय सरकार के किसी कार्यालय में प्रयोग के लिए सभी नामपट्ट, सूचना पट्ट, पत्रशीर्ष और लिफाफों पर उत्कीर्ण लेख तथा लेखन सामग्री की अन्य मदें हिन्दी और अंग्रेजी में लिखी जाएंगी, मुद्रित या उत्कीर्ण होंगी;
परन्तु यदि केन्द्रीय सरकार ऐसा करना आवश्यक समझती है तो वह, साधारण या विशेष आदेश द्वारा, केन्द्रीय सरकार के किसी कार्यालय को इस नियम के सभी या किन्हीं उपबन्धों से छूट दे सकती है।
12. अनुपालन का उत्तरदायित्व-
(1) केन्द्रीय सरकार के प्रत्येक कार्यालय के प्रशासनिक प्रधान का यह उत्तरदायित्व होगा कि वह--
(i) यह सुनिश्चित करे कि अधिनियम और इन नियमों के उपबंधों और उपनियम (2) के अधीन जारी किए गए निदेशों का समुचित रूप से अनुपालन हो रहा है;और
(ii) इस प्रयोजन के लिए उपयुक्त और प्रभावकारी जांच के लिए उपाय करे ।
(2) केन्द्रीय सरकार अधिनियम और इन नियमों के उपबन्धों के सम्यक अनुपालन के लिए अपने कर्मचारियों और कार्यालयों को समय-समय पर आवश्यक निदेश जारी कर सकती है ।
राजभाषा संबंधी कुछ प्रश्न और उनके उत्तर
प्र.1 राजभाषा नीति को लागू करने की दृष्टि से भारत को कितने क्षेत्रों में बांटा गया है ? प्रत्येक क्षेत्र में स्थित राज्यों के नाम लिखें।
उ. राजभाषा नियमों के अनुपालन की दृष्टि से भारतीय भू-भाग को 3क्षेत्रों में बांटा गया है:
(क) 'क्षेत्र क' से बिहार, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, उत्तराखंड राजस्थान और उत्तर प्रदेश राज्य तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र अभिप्रेत है;
(ख) 'क्षेत्र ख' से गुजरात, महाराष्ट्र और पंजाब राज्य तथा चंडीगढ़, दमण और दीव तथा दादरा और नगर हवेली संघ राज्य क्षेत्र अभिप्रेत हैं;
(ग) 'क्षेत्र ग' से खंड (क) और (ख) में निर्दिष्ट राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों से भिन्न राज्य तथा संघ राज्य क्षेत्र अभिप्रेत है;
प्र.2 हिंदी व अहिंदीभाषी राज्यों में सूचना पट्ट/नामपट्ट आदि के लिए भाषाओं को किस क्रम से लिखा जाता है ?
उ. हिंदी भाषी राज्यों में सूचना पट्ट/नामपट्ट आदि के लिए भाषाओं का क्रम है:
हिंदीभाषी राज्यों में हिंदी पहले और अंग्रेजी बाद में।
अहिंदीभाषी राज्यों में पहले स्थानीय भाषा, फिर हिंदी और उसके बाद अंग्रेजी।
प्र.3. सरकारी कामकाज में हिंदी का प्रयोग निर्धारित लक्ष्यानुसार सुनिश्चित करने के लिए चैक प्वॉइंट कहां-कहां स्थापित किए गए हैं ?
उ. सरकारी कामकाज में हिंदी का प्रयोग निर्धारित लक्ष्यानुसार सुनिश्चित करने के लिए रोनियो, प्राप्ति एवं प्रेषण अनुभाग, तारघर, फैक्स केन्द्र, भण्डार तथा लेखा विभागों में चैक प्वॉइंट स्थापित किए गए हैं।
प्र.4. हिंदी शिक्षण योजना के अंतर्गत कर्मचारियों के लिए कौन-कौन सी परीक्षा निर्धारित है और उनका शैक्षिक स्तर क्या है ?
उ. केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों को हिंदी शिक्षण योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण देने के लिए निम्नलिखित तीन पाठ्यक्रम है:
प्रबोध - यह प्रारंभिक पाठ्यक्रम है और इसका स्तर प्राइमरी स्कूल की हिंदी के स्तर के बराबर है
प्रवीण - इसका स्तर मिडिल स्कूल की हिंदी के स्तर के बराबर है।
प्राज्ञ - इसका स्तर हाई स्कूल की हिंदी स्तर के बराबर है।
प्र.5. निर्धारित हिंदी परीक्षा पास करने पर किसी कर्मचारी को क्या-क्या प्रोत्साहन मिलते हैं ?
उ. जिन कर्मचारियों ने हिंदी की परीक्षा पास नहीं की है और वे हिंदी परीक्षा पास करते हैं तो उन्हें हिंदी परीक्षा पास करने पर 12महीने की अवधि के लिए एक वेतनवृद्धि के बराबर राशि का वैयक्तिक वेतन दिया जाता है और उच्च अंकों के साथ परीक्षा पास करने पर नकद पुरस्कार भी दिया जाता है।
प्र.6 क्या हिंदी भाषी कर्मचारियों को भी प्रबोध, प्रवीण तथा प्राज्ञ परीक्षा पास करने पर कोई प्रोत्साहन देय है ?
उ. नहीं।
प्र.7 राजभाषा कार्यान्वयन समितियों का गठन किस-किस स्तर पर किया गया है ? इन समितियों की बैठक कितने समय बाद होती है।
उ. राजभाषा कार्यान्वयन समितियों का गठन मंत्रालय, मुख्यालय, मंडल कार्यालय, कारखानों तथा स्टेशन स्तर पर किया गया है। इन समितियों की बैठक प्रत्येक तिमाही में एक बार होती है तथा वर्ष में चार बैठकें आयोजित की जानी अपेक्षित है।
प्र.8 राजभाषा कार्यान्वयन समितियां गठित करने का क्या उद्देश्य है ?
उ. राजभाषा कार्यान्वयन समितियां गठित करने का उद्देश्य राजभाषा के प्रयोग-प्रसार की समीक्षा करना तथा कमियों को दूर करने के उपाय करना है।
प्र.9 हिंदी सप्ताह क्यों मनाया जाता है ?
उ. सरकारी कामकाज में राजभाषा के रूप में हिंदी के प्रति जागरूकता तथा इसके उत्तरोतर प्रयोग में गति लाने तथा हिंदी भाषा के प्रति अभिरुचि उत्पन्न करने के उद्देश्य से हिंदी सप्ताह मनाया जाता है जिसमें राजभाषा प्रदर्शनी, विचार गोष्ठी, काव्य गोष्ठी तथा अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
प्र.10. कर्मचारियों को सरकारी कामकाज में हिंदी का अधिकाधिक प्रयोग करने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से कौन-कौन सी पुरस्कार योजना लागू की गई है ?
उ. रेलवे पर निम्नलिखित पुरस्कार व प्रोत्साहन योजनाएं लागू हैं-
1. हिंदी, हिंदी टंकण तथा हिंदी आशुलिपि परीक्षाएं पास करने पर नकद पुरस्कार तथा वेतनवृद्धि लाभ।
2. हिंदी में डिक्टेशन देने के लिए अधिकारियों को पुरस्कार।
3. रेल मंत्री निबंध प्रतियोगिता।
4. क्षेत्रीय/मंडल स्तर पर निबंध एवं वाक् प्रतियोगिताएं।
5. क्षेत्रीय/मंडल स्तर पर टिप्पण एवं प्रारूप लेखन प्रतियोगिताएं।
6. मूल हिंदी टिप्पण आलेखन पुरस्कार।
7. सामूहिक पुरस्कार योजना।
8. तकनीकी रेल विषयों पर हिंदी में मौलिक पुस्तकें लिखने पर पुरस्कार।
9. प्रेमचंद पुरस्कार योजना - उपन्यास कथा साहित्य लेखन के लिए।
10. मैथिलीशरण गुप्त पुरस्कार योजना - काव्य लेखन हेतु।
11. हिन्दी में अधिकाधिक कार्य करने के लिए रेलमंत्री/महाप्रबंधक/मंडल रेल प्रबंधक स्तर पर पुरस्कार।
प्र.11. राजभाषा अधिनियम की धारा 3(3) के अंतर्गत आने वाले विभिन्न प्रकार के कागजातों के नाम लिखे। यह भी उल्लेख करें कि नियमानुसार उक्त कागजात को अनिवार्यतः किस भाषा में जारी किया जाना चाहिए।
उ. राजभाषा अधिनियम की धारा 3(3) के अंतर्गत आने वाले विभिन्न प्रकार के कागजात निम्नलिखित हैं-
1. संकल्प 2. सामान्य आदेश 3. नियम 4. अधिसूचनाएं 5. प्रशासनिक और अन्य रिपोर्ट या प्रेस विज्ञप्तियां 6. संसद के किसी सदन या सदनों के समक्ष रखी गई प्रशासनिक तथा अन्य रिपोर्ट और अन्य सरकारी कागज-पत्र 7. करार 8. परमिट
9. निविदा सूचना और उनके प्रारूप 10. संविदाएं 11. अनुज्ञप्ति या अनुज्ञा पत्र
12. आरक्षण चार्ट।
नियमानुसार उक्त कागजात अनिवार्यतः हिंदी एवं अंग्रेजी द्विभाषी में जारी किए जाने चाहिए। इन कागजातों को द्विभाषी में जारी करने की जिम्मेदारी हस्ताक्षरकर्ता अधिकारी की होगी।
प्र.12 हिंदी में कार्यसाधक ज्ञान प्राप्त कर्मचारियों से क्या अभिप्राय है ?
उ. हिंदी का कार्यसाधक ज्ञान
(क) मैट्रिक परीक्षा या उसके समतुल्य या उससे उच्चतर कोई परीक्षा हिंदी विषय के साथ उत्तीर्ण की है या केन्द्रीय सरकार की हिंदी प्रशिक्षण योजना के अंतर्गत आयोजित प्राज्ञ परीक्षा या यदि उसे सरकार द्वारा किसी विशिष्ट प्रवर्ग के पदों के संबंध में इस योजना के अंतर्गत कोई निम्नतर परीक्षा विनिर्दिष्ट है, यह परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है या केन्द्रीय सरकार द्वारा उस निमित्त विनिर्दिष्ट कोई अन्य परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है या?
(ख) स्नातक परीक्षा में अथवा स्नातक परीक्षा के समतुल्य या उससे उच्चतर अन्य किसी परीक्षा में हिंदी को एक वैकल्पिक विषय के रूप में लिया था या
(ग) यदि वह इन नियमों के उपाबद्ध प्रारूप में यह घोषणा करता है कि उसे हिंदी में प्रवीणता प्राप्त है तो उसके बारे में यह समझा जाएगा कि उसने हिंदी में प्रवीणता प्राप्त कर ली है।
प्र.14 संविधान की अष्टम अनुसूची में उल्लिखित भाषाओं के नाम लिखें।
उ. संविधान की अष्टम अनुसूची के अनुच्छेद 344(1) और 351के अंतर्गत उल्लिखित भारतीय भाषाएं:-
1. असमिया 2. तमिल 3. संस्कृत 4. उड़िया 5. तेलुगु
6. सिंधी 7. उर्दू 8. पंजाबी 9. हिंदी 10. कन्नड़ 11. बांग्ला 12. कोंकणी13. कश्मीरी 14. मराठी 15. नेपाली
16. गुजराती 17. मलयालम 18. मणिपुरी 19. बोडो 20. संथाली 21. डोगरी 22. मैथिली
प्र.15 हिंदी दिवस कब मनाया जाता है और क्यों ?
उ. हिंदी दिवस प्रतिवर्ष 14सितंबर को मनाया जाता है क्योंकि 1949में इसी दिन को राजभाषा का दर्जा दिया गया था। इस अवसर पर हिंदी का कामकाज बढ़ाने के लिए हिंदी सप्ताह/पखवाड़े का आयोजन किया जाता है। हिंदी में अच्छा काम करने वाले कर्मचारियों को प्रोत्साहन भी किया जाता है।
प्र.16 राजभाषा से क्या अभिप्राय है ?
उ. संघ द्वारा सरकारी कामकाज के लिए अंगीकार की गई भाषा को राजभाषा माना गया है। भारत सरकार ने राजभाषा के रूप में हिंदी को स्वीकार किया है जिसकी लिपि देवनागरी होगी तथा संघ के सरकारी प्रयोजनों के लिए प्रयोग होने वाले अंकों का रूप भारतीय अंकों का अंतर्राष्ट्रीय रूप होगा।
प्र.17 केन्द्रीय हिंदी समिति का अध्यक्ष कौन होता है ?
उ. केन्द्रीय हिंदी समिति के अध्यक्ष प्रधानमंत्री होते हैं।
प्र.18 राजभाषा नियमों के अनुसार किन-किन पत्रों/आवेदनों का उत्तर हिंदी में देना अनिवार्य है ?
उ. राजभाषा नियमों के अनुसार हिंदी में प्राप्त व हस्ताक्षरित पत्रों/आवेदनों का उत्तर हिंदी में देना अनिवार्य है।
प्र.19 यदि अधिकारी हिंदी में डिक्टेशन देते हैं तो उन्हें प्रोत्साहन स्वरूप कितनी राशि देय है ?
उ. अधिकारियों द्वारा हिंदी में डिक्टेशन दिए जाने पर उन्हें प्रोत्साहन स्वरूप 5000/- रुपये की एक मुश्त राशि दी जाती है। अहिंदी भाषी तथा हिंदी भाषी अधिकारियों को वर्ष के दौरान क्रमशः 10,000तथा 20,000शब्दों की डिक्टेशन हिंदी में देने पर यह पुरस्कार देय है।
प्र.20 राजभाषा नियमों के अन्तर्गत किस प्रकार के कार्यालय को अधिसूचित किया जा सकता है ?
उ. यदि किसी कार्यालय में कार्य करने वाले कर्मचारियों में से 80प्रतिशत ने हिन्दी का कार्यसाधक ज्ञान प्राप्त कर लिया है तो उस कार्यालय को अधिसूचित किया जाता है।
प्र.21 राष्ट्रभाषा और राजभाषा में क्या अंतर है ?
उ. राजभाषा वह भाषा है जिसे संघ अथवा कोई राज्य अथवा सरकार विधि द्वारा अपने सरकारी कामकाज में प्रयोग के लिए स्वीकार कर ले। यह किसी राज्य में एक से अधिक भी हो सकती है। संविधान की अष्टम अनुसूची में शामिल सभी 22भारतीय भाषाएं राष्ट्रभाषाएँ कहलाती हैं। ये भाषाएं विभिन्न प्रयोजनों के लिए उपयोग की जाती है।
प्र.22 भारतीय संविधान के अनुसार राजभाषा हिन्दी कब से लागू है ?
उ. भारतीय संविधान के अनुसार राजभाषा हिन्दी 14सितम्बर, 1949से लागू है।
प्र.23 अष्टम अनुसूची में किन-किन भाषाओं को बाद में जोड़ा गया है ?
उ. 1. बोडो 2. संथाली 3. मैथिली और 4.डोगरी
पुरस्कार विवरण
लाल बहादुर शास्त्री तकनीकी मौलिक लेखन पुरस्कार योजना
इस योजना के तहत सात प्रथम – 20000/- 1, द्वितीय - 10000/- 1 , तृतीय - 7000/- 1
रेल कर्मियों की साहित्यिक प्रतिभा को बढ़ावा देने तथा तकनीकी रेल विषयों पर अधिकाधिक पुस्तकें उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से यह योजना लागू है। इस योजना में रेलों से इतर व्यक्ति भी शामिल हो सकते हैं।
मैथिलीशरण गुप्त पुरस्कार योजना (काव्य संग्रह के लिये) प्रथम - 20000/- 1, द्वितीय - 10000/- 1 , तृतीय - 7000/- 1
प्रेमचंद पुरस्कार योजना (कहानी संग्रह/ उपन्यास के लिये)प्रथम - 20000/- 1, द्वितीय - 10000/- 1 , तृतीय - 7000/- 1
रेल मंत्री राजभाषा व्यक्तिगत नकद पुरस्कार योजना- 134 पुरस्कार 3000/- रु. प्रत्येकसरकारी कामकाज में हिंदी का अधिकाधिक व प्रशंसनीय प्रयोग करने के लिये कनिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड तक के अधिकारी तथा अराजपत्रित वर्ग के लिये (प्रत्येक रेल कार्यालय का कोटा निर्धारित)
अखिल रेल हिंदी टिप्पण एवं प्रारूप लेखन प्रतियोगिता
श्रेणी II के अधिकारियों तथा अराजपत्रित वर्ग के लिये जिसमें हिंदी भाषी एवं अहिंदी भाषी सभी कर्मचारी शामिल हो सकते हैं। सर्व प्रथम क्षेत्रीय स्तर पर आयोजन तत्पश्चात अखिल रेल स्तर पर। आयोजन। क्षेत्रीय स्तर पर कुल 6 पुरस्कार प्रथम पुरस्कार 2000/- द्वितीय 1600/- तृतीय 1200/- तथा 3 सांत्वना पुरस्कार 800/- प्रत्येक। अखिल रेल स्तर पर कुल 8 पुरस्कार प्रथम पुरस्कार 5000/-, द्वितीय 4000/-, तृतीय 3000/-, तथा 5 प्रेरणा पुरस्कार 2500/- /- प्रत्येक प्रदान किये जाते हैं।
अखिल रेल हिंदी निबंध प्रतियोगिता
श्रेणी II के अधिकारियों तथा अराजपत्रित वर्ग के लिये जिसमें हिंदी भाषी एवं अहिंदी भाषी सभी कर्मचारी शामिल हो सकते हैं। सर्व प्रथम क्षेत्रीय स्तर पर आयोजन तत्पश्चात अखिल रेल स्तर पर। आयोजन। क्षेत्रीय स्तर पर कुल 6 पुरस्कार प्रथम पुरस्कार 2000/- द्वितीय 1600/- तृतीय 1200/- तथा 3 सांत्वना पुरस्कार 800/- प्रत्येक। अखिल रेल स्तर पर कुल 8 पुरस्कार प्रथम पुरस्कार 5000/-, द्वितीय 4000/-, तृतीय 3000/-, तथा 5 प्रेरणा पुरस्कार 2500/- /- प्रत्येक प्रदान किये जाते हैं।
अखिल रेल हिंदी वाक् प्रतियोगिता
श्रेणी II के अधिकारियों तथा अराजपत्रित वर्ग के लिये जिसमें हिंदी भाषी एवं अहिंदी भाषी सभी कर्मचारी शामिल हो सकते हैं। सर्व प्रथम क्षेत्रीय स्तर पर आयोजन तत्पश्चात अखिल रेल स्तर पर। आयोजन। क्षेत्रीय स्तर पर कुल 6 पुरस्कार प्रथम पुरस्कार 2000/- द्वितीय 1600/- तृतीय 1200/- तथा 3 सांत्वना पुरस्कार 800/- प्रत्येक। अखिल रेल स्तर पर कुल 8 पुरस्कार प्रथम पुरस्कार 5000/-, द्वितीय 4000/-, तृतीय 3000/-, तथा 5 प्रेरणा पुरस्कार 2500/- /- प्रत्येक प्रदान किये जाते हैं।
कमलापति त्रिपाठी राजभाषा स्वर्ण पदक - महाप्रबंधक एवं उनसे ऊपर के स्तर के अधिकारियों के लिए पुरस्कार (1) है स्वर्ण पदक, 10,000 रुपए नकद व प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है।
हिंदी का सर्वाधिक प्रयोग करने वाले विभागों के लिये सामूहिक पुरस्कार योजना मंडल / कारखाना / विभाग के प्रत्येक विभाग को एक यूनिट बनाना
विभागों के लिये प्रथम (6)12000/- द्वितीय(5) 8000/- तृतीय(5) 6000/
रेल यात्रा वृत्तांत पुरस्कार योजना इस योजना में सभी भारतीय नागरिक भाग ले सकते हैं। वृत्तांत कम से कम 3000 शब्दों का हो। पुरस्कार प्रथम 10000/- द्वितीय 8000/- तृतीय 6000/ तथा (5) प्रेरणा पुरस्कार 4000/-
रेल मंत्री हिंदी निबंध प्रतियोगिता इस योजना के अंतर्गत राजपत्रित और अराजपत्रित वर्गों के लिए 2-2 पुरस्कार निर्धारित हैं। निबंध रेल संचालन एवं प्रबंधन विषय से संबंधित होता है। इसमें वे रेल कर्मी भाग ले सकते हैं, जिनकी सेवा 03महीने पूरी हो चुकीहो।( प्रत्येक वर्ष के 31 जनवरी तक हिंदी निबंध भेजे जाते हैं।
1. राजपत्रित प्रथम -6000/- रुपये द्वितीय -4000/-रुपये एवं प्रमाण-पत्र
2. अराजपत्रित प्रथम -6000/- रुपये द्वितीय -4000/-रुपये एवं प्रमाण-पत्र
हिंदी डिक्टेशन पुरस्कार योजना - गृह मंत्रालय की इस योजना में न्यूनतम शब्दों की कोई शर्त नहीं है।प्रत्येक कार्यालय से क्रमशः एक हिंदी भाषी जिसका घोषित निवास स्थान "क" एवं "ख"क्षेत्र में हो और एक गैर हिंदी भाषी जिसका घोषित निवास स्थान "ग" क्षेत्र में हो कुल 2 अधिकारियों 5000/- 5000/- रुपए का नकद पुरस्कार देय होगा। कार्यालय की परिभाषा– जिसका स्थानीय मुख्य अधिकारी विभागाध्यक्ष अथवा कार्यालयाध्यक्ष घोषित किया गया हो अर्थात प्रत्येक विभाग से दो-दो अधिकारियों को पुरस्कृत किया जा सकता है, बशर्ते वे अधिकारी हिंदी में डिक्टेशन देते हों।
सरकारी कामकाज (टिप्पण एवं प्रारूप लेखन) मूल रूप से हिंदी में करने के लिये पुरस्कार योजना इस योजना में "क"तथा "ख" क्षेत्र में कम से कम 20,000 शब्द तथा "ग" क्षेत्र में कम से कम 10,000 शब्द मूल रूप से हिंदी में टिप्पण एवं प्रारूप लेखन लिखने पर
केंद्रीय सरकार के प्रत्येक अधीनस्थ कार्यालय में स्वतंत्र रूप सेमंत्रालय विभाग/संबद्ध कार्यालय
( प्रत्येक इकाई के लिये)
प्रथम पुरस्कार –5000/- 2 पुरस्कार द्वितीय पुरस्कार –3000/- 3 पुरस्कार तृतीय पुरस्कार –2000/- 5 पुरस्कार
टंककों / आशुलिपिकों को मानदेय
अंग्रेजी आशुलिपिक एवं टंकक में भर्ती कर्मचारी जो अंग्रेजी कार्य के साथ-साथ 5 पत्र / टिप्पणियां प्रतिदिन हिंदी में करने वाले इस योजना के पात्र होंगे आशुलिपिक 240/- रुपए प्रतिमाह टंकक 160/- रुपए प्रतिमाह विशेष वेतन। प्रबोध, प्रवीण, प्राज्ञ तथा हिंदी टाइपिंग व आशुलिपि परीक्षा निर्धारित प्रतिशत अंक के साथ पास करने पर 1 वेतनवृद्धि के समकक्ष वैयक्तिक वेतन अहिंदी भाषी 1+2 वर्ष
राजभाषा गौरव पुरस्कार योजना (गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग की योजना) –भारत के नागरिकों को हिंदी में ज्ञान- विज्ञान मौलिक पुस्तक लेखन के लिए राजभाषा गौरव पुरस्कार प्रथम(01),2,00,000/- द्वितीय (01) 1,25,000/- , तृतीय (01)75,000/- व प्रोत्साहन (10) 10,000/-
राजभाषा गौरव पुरस्कार योजना (गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग की योजना) – केन्द्र सरकार के कार्मिकों (सेवानिवृत्त सहित) को हिंदी में मौलिक पुस्तक लेखन के लिए राजभाषा गौरव पुरस्कार प्रथम(01)1,00,000/- द्वितीय (01) 75,000/- , तृतीय (01) 60,000/- व प्रोत्साहन (01) 30,000/-
राजभाषा गौरव पुरस्कार योजना (गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग की योजना) – केन्द्र सरकार के कार्मिकों (सेवानिवृत्त सहित)को हिंदी में उत्कृष्ट लेख के लिए राजभाषा गौरव पुरस्कार प्रथम(01)हिंदी भाषी 20,000/- अहिंदी भाषी 25,000/- द्वितीय (01) हिंदी भाषी 18,000/- अहिंदी भाषी 22,000 , तृतीय (01) हिंदी भाषी 15,000/- अहिंदी भाषी 20,000/-
रेल मंत्री राजभाषा रजत पदक - व. प्रशासनिक ग्रेड एवं इससे ऊपर के ग्रेड के अधिकारियों के लिए है। संख्या 30 है। रजत पदक, 8000 रुपए नकद तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है।
रेल मंत्री राजभाषा शील्ड / ट्रॉफी एवं चल वैजयन्ती - क व ख क्षेत्र में स्थित रेलों के लिए पुरस्कार संख्या 1 प्रथम पुरस्कार रेल मंत्री राजभाषा रनिंग शील्ड। द्वितीय पुरस्कार रेल मंत्री राजभाषा रनिंग ट्रॉफी। ग क्षेत्र के लिए पुरस्कार संख्या 1 प्रथम पुरस्कार रेल मंत्री राजभाषा रनिंग शील्ड। द्वितीय पुरस्कार रेल मंत्री राजभाषा रनिंग ट्रॉफी। आचार्य महावीर प्रसाद चल वैजयंती क व ख क्षेत्र में स्थित मंडल के लिए। आचार्य रघुवीर चल वैजयन्ती ग क्षेत्र में स्थित मंडल के लिए। क व ख क्षेत्र में स्थित आदर्श स्टेशन व कार्यशाला के लिए रेल मंत्री राजभाषा शील्ड व 14,000 रुपए नकद। ग क्षेत्र में स्थित आदर्श स्टेशन, कार्यालय व कार्यशाला के लिए रेल मंत्री राजभाषा शील्ड व 14,000 रुपए नकद।क व ख क्षेत्र में स्थित उत्पादन यूनिट के लिए प्रथम पुरस्कार रेल मंत्री राजभाषा रनिंग शील्ड व 14,000 रुपए नकद, द्वितीय पुरस्कार शिव सागर मिश्र चल वैजयन्ती रेल मंत्री राजभाषा रनिंग शील्ड व 14,000 रुपए नकद।
फोंट तथा उपयोगी सॉफ्टवेयर
Hindi Toolkit.exe, hindifont, UniKrutidev_Converter.html
ftp पर रखे गए हैं जहां से डाउनलोड कर अपने कंप्यूटर में डाल लेवें यह क्रमशः कंप्यूटर पर यूनीकोड का प्रयोग समर्थित करने, कंप्यूटर में यूनीकोड फोंट (सभी भाषाएं) व कृतिदेव में बनी फाइलों को यूनिकोड में बदलने के काम आते हैं।